Friday 1 April 2016

तर्कों का सच

चलो सही गलत की लड़ाई करते हैं
क्या मिलेगा, पता नहीं
थोडा सुकून, अहंकार की पूर्ति 
तर्कों की झूठी जीत
अगर यही है इसका परिणाम
तो नहीं जानना सही को
गलत जैसा कुछ होता नहीं
मैंने अपना जीवन जिया है
मेरा सच मेरा जीवन है
मेरा सच मेरा नजरिया है
मेरा सच मेरा अनुभव है
मेरा सच मेरी कमियां है
मेरा सच मेरी महत्वकांक्षाएं है
मेरा सच मेरे सपने है
मेरा सच मेरी ज़रूरतें हैं
मेरा सच मेरी चाहतें हैं
मेरा सच मेरा मन की तृप्ति है
इन्ही सब चीज़ों से मेरा सच बना है
तो सबका सच अलग-अलग हुआ
सच और हकीक़त कुछ अलग है
झूठ क्या है, मालूम नहीं
तर्कों की जीत ही अगर सत्य है 
तो पता नहीं मैं क्या कर रहा हूँ
मेरा सच सिर्फ मैं हूँ
और वो भी हैं, पर जैसा मैं उन्हें देखता हूँ
नहीं करनी यह सच-झूठ की लड़ाई
जीत किसी की भी हो, हारता मैं ही हूँ....